Amit Goyal

Amit Goyal

Monday, 10 March 2014

अक्सर बहुत सी बातें अनकही रह जाती हैं
बहुत सी ख्वाइशें अधूरी रह जाती हैं
ज़ज्बात लफ्जों में बयां हो नहीं पाते
और ज़िन्दगी बस यूँ ही गुजर जाती है
बहुत खुशनसीब होते हैं वो जिनके कुछ ख्वाब हो जाते हैं पूरे
किसी कि तो एक आरज़ू भी पूरी हो नहीं पाती है 

ज़िन्दगी 
एक हक़ीक़त जिसमे ज़ीना मजबूरी है 
एक ख्वाब जो ख्वाब में ही पूरा हो सकता है 
एक सवाल जिसका जवाब खुद एक सवाल है 
कुछ यादें जिन्हे बार बार जीने को दिल चाहे 
कुछ जज्बात जो कभी पूरे नहीं हो सकते 

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